भोजन के साथ हमारा मनोवैज्ञानिक संबंध भी होता है। कई लोग, खासकर महिलाएं तनाव में ज्यादा खाती हैं, जिससे बाद में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है।
क्या बहुत ही तनावपूर्ण या व्यस्त दिन गुजरने के बाद आपका कुछ मीठा या जंक फूड खाने का दिल करता है? घबराइए मत, आप अकेली नहीं हैं। ऐसे लोगों की लिस्ट काफी लंबी है, जो ओवर ईटिंग कर रहे हैं। मनोविज्ञान की भाषा में इसे स्ट्रेस ईटिंग कहते हैं। कई लोग दुख और चिंता कम करने के लिए ओवर ईटिंग करते हैं, लेकिन यह उन्हें मोटापा, अपच, मेटाबॉलिज्म कमजोर करने जैसी कई बीमारियां दे सकती है। नोएडा की रुचि बताती हैं कि वह जॉब में नहीं हैं और चिंता कम करने के लिए खाली समय में कुछ न कुछ खाती रहती हैं। उनका मीठा या कुछ स्नैक्स खाने का मन करता है। कुछ लोग तनाव कम करने के लिए गाना सुनते हैं, वॉक पर जाते हैं या टीवी देखते हैं। लेकिन अमेरिका की हॉवर्ड यूनिवर्सिटी का एक अध्ययन बताता है कि महिलाएं तनाव में ज्यादातर खाने का रास्ता चुनती हैं।
स्ट्रेस ईटिंग के कारण : यह तो खाने के साथ तनाव का भावनात्मक संबंध हो गया, लेकिन इसका बायोलॉजिकल यानी जैविक संपर्क भी है। लंबे समय तक दिमाग में तनाव बने रहने से शरीर के अंदर कॉर्टिसोल नाम का हार्मोन अधिक तेजी से रिलीज होने लगता है, जो भूख को और बढ़ा देता है। मोटापे की शिकार महिलाओं में यह हार्मोन ज्यादा पाया जाता है। सबसे बड़ी बात है कि इस दौरान खाने पर नियंत्रण नहीं होता। आप क्या खा रही हैं, वह हेल्दी है या नहीं, इसकी कोई चिंता नहीं होती। बस खाने पर आपका जोर चलता है और आप किसी भी समय कुछ भी खा लेती हैं। कई बार पेट भर जाता है, लेकिन मन नहीं भरता। यह भी तनाव का लक्षण है, क्योंकि एक भूख आपके पेट से जुड़ी होती है और दूसरी आपकी भावनाओं से, जो कभी पूरी नहीं होती। ऐसे में आप मन को खुश और शांत रखने के लिए खाती जाती हैं। फिनलैंड में 5 हजार पुरुष और महिलाओं पर एक साथ अध्ययन किया गया, जिसमें पाया गया कि महिलाओं में स्ट्रेस ईटिंग ज्यादा होती है।
उपाय भी जाने लें : कुछ भी खाने से पहले सोचें कि आप क्यों और क्या खा रही हैं। क्या आपको सच में भूख है या बस मन को ठीक करने के लिए खा रही हैं। जो आप खा रही हैं, उससे आपके शरीर को कुछ फायदा मिलेगा या नहीं, या बस ऐसे ही खा रही हैं। दिन भर में जब भी खाएं तो उसे डायरी में लिख लें। इससे आपको पता चलेगा कि आपने कब और क्या खाया। डायरी में खाने का चार्ट रखें। हेल्दी और अनहेल्दी खाने की सूची बनाएं। बाजार जाएं तो हेल्दी चीजें, जैसे कि फल-सब्जी, ड्राई फ्रूट्स, नेचुरल फूड्स आदि ही खरीदें। इसके अलावा तनाव कम करने के लिए आप कई अन्य विकल्प भी चुन सकती हैं। मेडिटेशन, एक्सरसाइज, योगासन कर सकती हैं। सुबह-शाम थोड़ा समय इनमें देने से आपका तनाव कम होगा और मन भी खाने से दूर रहेगा। आपकी पाचन क्रिया अच्छी होगी और हार्मोन्स का संतुलन बना रहेगा। अगर बहुत ज्यादा तलब होती है तो खाने के कुछ ऐसे विकल्प चुनें, जो हेल्दी हों। घर में कुछ स्नैक्स बना सकती हैं, कम कैलोरी वाले फूड्स खा सकती हैं। इसके साथ ही अपने आहार विशेषज्ञ से बात करें। अगर जरूरत पड़े तो अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें, जिससे आप एक सही रूटीन फॉलो कर सकें।
बिगड़ जाता है भोजन तंत्र
प्रोफेसर डॉ. ओम प्रकाश के मुताबिक, स्ट्रेस ईटिंग के पीछे कई मेडिकल वजहें भी होती हैं। तनाव में कई बार लोग ओवर ईटिंग करते हैं तो कई बार अंडर ईटिंग। दोनों ही सूरत में यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। भोजन का जो तंत्र है, वह कई हार्मोन्स पर निर्भर करता है। भूख और शरीर की ग्रंथियों का एक गहरा रिश्ता होता है। जब आप ज्यादा तनाव लेती हैं तो कई हार्मोन प्रभावित होने लगते हैं, जिससे आपके खाने का तंत्र पूरी तरह से बिगड़ जाता है और आप कब क्या खाती हैं, ज्यादा या कम, उसकी समझ नहीं होती।
Hi, this is a comment.
To get started with moderating, editing, and deleting comments, please visit the Comments screen in the dashboard.