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बड़ी बहू की बात निराली

ससुराल में बड़ी बहू को कभी भाभी, कभी बड़ी बेटी तो कभी बड़ी बहन की जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। जिम्मेदारी के साथ-साथ ये सभी अहसास भरे रिश्ते भी हैं। घर की बड़ी बहू बनने का सीधा-सीधा मतलब है कि आपको ससुराल की ढेर सारी परंपराओं को निभाने और उसे आगे बढ़ाने का जिम्मा उठाना होगा। आपको बड़ों का ख्याल रखना होगा तो छोटों को सही-गलत का अंतर बताना होगा। अपने घर में आपका व्यवहार कैसा भी हो, लेकिन घर की बड़ी बहू के रूप में आपको हर पल अपने व्यवहार में दयालुता और समर्पण का भाव रखना पड़ेगा। अगर आप भी घर की बड़ी बहू बनने जा रही हैं तो जान लें कि कैसे इन जिम्मेदारियों को निभाया जाए।

बड़ी बहू के लिए जरूरी बातें

सकारात्मक सोच : जीवन में हर काम को करने के लिए सोच का सकारात्मक होना जरूरी है। बड़ी बहू बनना मतलब बड़ी जिम्मेदारी। इसलिए शादी के बाद अपना नया जीवन पूरे विश्वास और सकारात्मक सोच के साथ शुरू करें। ससुराल में किसी भी व्यक्ति के प्रति कोई भी पूर्व धारणा बनाकर न चलें। साथ ही खुद पर भरोसा रखें कि आप सब कुछ संभाल लेंगी।

रीतिरिवाज : घर की बड़ी बहू ही आगे आने वाली पीढ़ियों को अपने रीति-रिवाज और संस्कार सिखाती है। ससुराल के तौर-तरीके और रीति-रिवाज मायके से अलग हो सकते हैं। ऐसे में किसी भी बात को मानने से मना करना या उसे ससुराल वालों के अनुसार न करने से बचना चाहिए।

रिश्तों में सामंजस्य : अगर आप बड़ी बहू हैं या बनने वाली हैं तो कोशिश करें कि परिवार के सभी सदस्यों का ख्याल रखा जाए। बड़ी बहू से सभी को उम्मीदें होती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप सबकी पसंद-नापसंद और सोच को समझें और वैसा ही व्यवहार करें।

संवेदनशीलता : शादी के बाद कई रिश्ते बदल जाते हैं। ऐसे में बदलते रिश्तों की संवेदनशीलता को समझें। कई बार देखा गया है कि पहले जो बेटा हर काम मां से पूछकर करता था, अब वह पत्नी की भी राय लेता है। कभी-कभी परिवार के लोग इस बदलाव के लिए खुद को तैयार नहीं कर पाते और रिश्तों में कड़वाहट आने लगती है। ऐसे में जरूरी है कि गुस्सा होने के बजाय सामने वाले की मनोस्थिति को समझें और प्यार से बात करें।

विनम्र रहें : अगर ससुराल में कोई बात बुरी भी लगती है तो तुरंत प्रतिक्रिया न दें। कई बार होता यह है कि एक बात के कई मतलब निकलने से रिश्ते में खटास आने लगती है। जब अलग-अलग परिवेश से आए दो लोग मिलते हैं तो एक-दूसरे को समझने के लिए ज्यादा वक्त की जरूरत होती है। फिर भी अगर आपको कोई बात बहुत बुरी लगी हो, तो शांत स्वर में अपनी बात रखें। साथ ही उन्हें भी अपनी बात रखने का मौका दें।

बड़ों की सलाह : आमतौर पर नई बहुएं ससुराल आने के बाद अपने तरीके से सब कुछ संभालने की कोशिश करती हैं, लेकिन आप ऐसा बिल्कुल न करें। कुछ नया या बड़ा काम करने से पहले अपनी सास या अपने बड़ों से पूछें और सलाह लेने में हिचकिचाएं नहीं। बड़ी बहू होने के नाते बड़ों के मार्गदर्शन के अनुसार चलना या उनकी सलाह लेकर चलना आपके लिए हितकर साबित होगा। साथ ही उनसे सलाह लेकर आप उनके दिल में अपनी जगह बना सकती हैं।

जिम्मेदारी बड़ी है

रिलेशनशिप काउंसलर रुकय्या जीरापुर के मुताबिक,

घर की बड़ी बहू से परिवार वालों को हमेशा ही काफी अपेक्षाएं होती हैं। कई बार आपको पति और परिवार के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए अपनी भावनाओं को एक तरफ रखना पड़ता है। ऐसी स्थिति में आप उनसे खुलकर संवाद करें। उनकी परेशानियां सुनें और अपनी समस्याएं भी बताएं। परिवार के सभी सदस्यों से जुड़ने का प्रयास करें और उनकी पसंद-नापसंद को जानें। कठिन समय में सभी का समर्थन करें और साथ मिलकर सफलताओं का जश्न मनाएं। आपके ये छोटे प्रयास आपको परिवार से बेहतर ढंग से जुड़ने में मदद करेंगे।

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